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7.8.11

तीन छायाचित्र-XI: दूरियाँ-नज़दीकियाँ




छायाचित्र-1


छायाचित्र-2


छायाचित्र-3 



4 टिप्‍पणियां:

Vaseem Akhtar ने कहा…

चित्र बहुत अच्छे हैं। एक ही क्षण में ढ़ेरों संदेश दे रहे हैं। काश कि व्यवस्था की मार इनपर न पड़ती। आर्थिक सुधारों के सूत्रधारों और 2जी के कर्णधारों से कोई पूछे कि तोता, मैना की कहानी क्यों कहानी बन कर रह गयी है? और गौरैया हमारी मुण्डेरों पर दाना चुगने क्यों नहीं आती? क्या मानव सभ्यता के विकास और प्रसार में इनका कोई योगदान नहीं है?

abid ने कहा…

nice bro........

Unknown ने कहा…

Thanx 4 for comment vaseem...it makes these pics really meaningful

Dr. Inovation ने कहा…

arthvyavasth ko vikasit karane ke daud me hum paryavaran ko nuksan pahucha rahe hai iska asar hamare upar hi nahi balki in jeevo par bhi pada. apana vikas inke garondo ke vinas ki kimat par ho raha hai .sayad isliye ek dusare ke pas hote huye bhi dur hai .inki ankahi virodh hai .

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